Ambubachi Mela Ka Mahatwa In Hindi, क्या है अम्बुबाची मेला, क्यों लगता है ये मेला कामख्या मंदिर में, जानिए कामख्या माता की चमत्कारी शक्ति को.
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ambubaachi utsav importance in hindi |
जब तंत्र की बात चलती है तो माता कामख्या की कृपा को नजरंदाज नहीं कर सकते हैं, माता की पूजा अलग अलग कार्यो के लिए लोग करते हैं, परन्तु तांत्रिक जगह के रूप में भी कामख्या मंदिर अति प्रसिद्ध है. ये एक प्रसिद्ध, पवित्र और शक्तिशाली स्थान है, गुवाहटी , आसाम में जहा विश्वभर से लोग माता की कृपा और चमत्कार को देखने लोग प्रतिवर्ष आते हैं.
क्या है अम्बुबाची?
ये नाम उस मेले को दिया जाता है जो की प्रतिवर्ष 5 दिनों के लिए लगता है कामाख्या में. साधक लोग इस 5 दिन का इन्तेजार पुरे साल भर करते हैं. बड़े हर्ष और उल्लास के साथ ये 5 दिन मनाये जाते हैं.
ऐसी मान्यता है की साल में एक बार माँ रजोधर्म से गुजरती है और इसीलिए 5 दिनों के लिए मंदिर के पट बंद रहते हैं और मंदिर प्प्रंगन में मेला लगता है.
इस समय यहाँ पर विभिन्न तांत्रिको को देखा जा सकता है जो की विभिन्न प्रकार की साधनाओ में लगे रहते हैं. इस समय माता की शक्ति का अनुभव सब आसानी से कर सकते हैं.
इस साल २२ जून से 2५ जून २०१७ तक अम्बुबाची मेला लग रहा है.
इस समय में मंदिर बंद रहता है और सही समय पर पूर्ण विधि विधान से पूजन के बाद ही खोला जाता है और तब लाखो की संख्या में भक्त माता के दर्शनों के लिए उमड़ते हैं.
कामाख्या मंदिर क्यों प्रसिद्ध है?
ये मंदिर गुवाहटी, आसाम में है और ५१ शक्तिपीठो में से एक है. यहाँ पर माता की पूजा योनी के रूप में होती है. अतः तांत्रिक साधना के लिए अतिश्रेष्ठ स्थानों में से एक है.
ये जगह कला जादू के लिए भी बहुत प्रसिद्ध है.
अम्बुबाची उत्सव का रहस्य :
ये समय बारिश के दिनों में अत है और ये 5 दिन शक्ति साधना के लिए , तत्न्रिक उपासना के लिए बहुत महत्त्वपूर्ण माना जाता है. ऐसे समय में हम वह पर तांत्रिक, अघोरी, योगिनी आदि को करीब से देख सकते हैं जो की विभिन्न प्रकार की साधनाओ में लगे रहते हैं.
ये समय मनोकामना पूर्ति के लिए विशेष माना जाता है.
जब मंदिर के पट खुलते हैं तो भक्तो को प्रसाद के रूप में लाल वस्त्र दिया जाता है जो की माता के रजोधर्म का प्रतिक होता है.
एक चमत्कारी बात जो दिखती है वो ये की मंदिर के पट बंद करने से पहले सूती कपडा माता के योनी में रखा जाता है और जब पट खोला जाता है तो पूरा कपडा लाल द्रव्य से सना मिलता है, यही बताता है की वहां पर कोई तो शक्ति है जो भक्तो की मनोकामना पूरी करती है.
२०१७ में अम्बुबाची मेला और ज्योतिष :
इस साल २२ जून से 2५ जून तक ये पवित्र समय आ रहा है जब अम्बुबाची का मेला लगेगा. ये समय अषाढ़ मास में आ रहा है जो की साधना के लिए उपयुक्त समय है. इसी के साथ गुरु अपने मित्र राशि में बैठा है और अतः साधना के लिए अतिउत्तम समय है.
दूसरी तरफ केतु और चंद्रमा की युति ग्रहण योग का निर्माण कर रही है, राहू अपने शत्रु राशि में बैठा है, मंगल भी शत्रु राशि में बैठा है जिसके कारण अनचाही घटनाएं घट रही है देश में. ऐसे मे शक्ति की आराधना शुभ रहती है.
दूसरी तरफ केतु और चंद्रमा की युति ग्रहण योग का निर्माण कर रही है, राहू अपने शत्रु राशि में बैठा है, मंगल भी शत्रु राशि में बैठा है जिसके कारण अनचाही घटनाएं घट रही है देश में. ऐसे मे शक्ति की आराधना शुभ रहती है.
इस समय माँ कामाख्या के दर्शन और साधना से अति उत्तम फल की प्राप्ति संभव है. जो माता के भक्त है, जिनको किसी विशेष मनोकामना की पूर्ति करनी है, जो शक्ति चाहते हैं , जो बाधाओं को कम करना चाहते हैं उन्हें माता कामख्या के दर्शन करने चाहिए और सफल जीवन के लिए प्रार्थना करना चाहिए.
माता को अपने आप को समर्पित करने से जीवन सुगम हो जाता है. वो साक्षात् भक्तो की रक्षा करती है.
जय माँ कामाख्या
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